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Sur Shyaam : Surdas ke jeevan per aadharit upanyas (सूर श्याम : सूरदास के जीवन पर आधारित उपन्यास)
Dr. Rajendra Mohan Bhatnagar
出版
Diamond Pocket Books Pvt Ltd
, 2024-03-15
主題
Fiction / Short Stories (single author)
Juvenile Fiction / Short Stories
Young Adult Fiction / Short Stories, Collections & Anthologies
ISBN
9359640980
9789359640983
URL
http://books.google.com.hk/books?id=NSv7EAAAQBAJ&hl=&source=gbs_api
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SAMPLE
註釋
'मुझे किसी की तपस्या में व्यवधान बनने का क्या अधिकार था ? मेरा मन आपको देखते ही आकृष्ट हो गया था। आपको पाना मेरा लक्ष्य बन गया था। मैं उसके लिए जो कर सकती थी, वह मैंने किया। आपके मन के चलायमान होने का मैं कारण हूँ। मैं तब भूल गई थी कि मैं क्या करने जा रही हूँ। रात को आई थी तो प्रणय निवेदनार्थ। मेरी नियति बंधनमयी है। मेरे संस्कार बंधनमय हैं। मैं विघ्न स्वरूपा हूँ। माया मेरी वृत्ति है। योगीराज, मैं अपनी इयत्ताओं को भूलकर अनधिकार चेष्टा कर उठी थी, उसका फल मुझे ही मिलना चाहिए।'