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註釋

विश्वसाहित्य में बँगला के मूर्द्धन्य कथाकार बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय का नाम सर्वोपरि गिना जाता है। उनके अनेक विश्वविख्यात उपन्यासों में आनन्द-मठ का एक विशिष्ट स्थान है। यह वह उपन्यास है जिसकी रचना करके लेखक ने स्वतन्त्रता-सेनानियों को संघर्षरत रहने के लिए प्रेरित किया। ‘वन्देमातरम्’ की ध्वनि उस समय भी जन-जन में गूँज उठी थी और आज भी राष्ट्र-गीत के रूप में भारतीयों को जाग्रत बनाए रखने के लिए गूँज रही है।