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註釋‘दानवीर’ काव्य कौरवराज धृतराष्ट्र के सारथी अधिरथ की पत्नी राधा की सन्तान के रूप में प्रसिद्ध कर्ण के जीवन पर आधारित है । कर्ण की तेजस्विता ने विविध भाषाओं के अनेक कवियों को काव्य-सृजन हेतु प्रेरित किया है । डा0 ऋषि कुमार भारद्वाज भी उसी परम्परा के संवाहक बन गये हैं । यह काव्य कवि की काव्य-निष्ठा और विषय-सापेक्ष चिन्तन का परिणाम है । इसमें पौराणिक प्रसंगों की जीवन्त झाँकी के साथ-साथ कल्पना का मणि-कांचन संयोग है । कोमलता, नवीनता और मसृणता के कारण काव्य की कतिपय कल्पनाएँ चित्ताकर्षक हैं ।