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Itihas Aur Vichardhara : Khalsa Ke Teen Sau Sal
註釋प्रोफेसर जेएस. ग्रेवाल और प्रोफेसर इंदु बैगा द्वारा संपादित यह पुस्तक भारत के सामान्य इतिहास के संदर्भ में सिख पंथ के इतिहास को स्थापित करके खालसा की त्रिशताब्दी मनाने का एक प्रयास है । इस पुस्तक में संकलित लेख 1935 में उसकी स्थापना के बाद से भारतीय इतिहास कांग्रेस के वार्षिक सत्रों में प्रस्तुत लेखों में से चुने गए हैं । ये 1 वीं से २०वीं सदी तक के सिख इतिहास के सभी प्रमुख चरणों को समेटते हैं । ये विश्व के प्रमुख सार्वभौम धर्मों में एक, सिख धर्म के विकास को उजागर करते हैं और इसके लिए उन समृद्ध धाराओं को स्पष्ट करते हैं जो भारत की समन्वित राष्ट्रीय धरोहर में सिखों के सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक इतिहास के यौगदान की उपज रही हैं ।