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Samrat Prithviraj Chouhan (सम्राट पृथ्वीराज चौहान)
註釋पृथ्वीराज बहादुर थे; वीर थे; साहसी थे; स्वाभिमानी थे और अतुलनीय योद्धा थे, पर बचपन में ही युवराज बना दिए गए। दिल्ली और अजमेर को राज्याभिषेक कराया गया। राजपाट का तजुर्बा पर्याप्त मात्रा में मिला नहीं। दाव-पेंच समझे नहीं, मर-मिटने को प्रस्तुत रहने वाले दोस्त थे। सरदार, सेनापति सैनिक थे किन्तु समय पर मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं मिला। इसी कारण इस गुणवान राजा का अंत हुआ।
तराइन के द्वितीय युद्ध में पृथ्वीराज पराजित हुए । परिणामस्वरूप भारत का इतिहास सैंकड़ों वर्षों के लिए बदल गया। बाहरी शक्तियाँ प्रबल हुई। अपना महान देश गुलामी की श्रृंखलाओं में जकड़ा रहा।
रघुवीरसिंह